Hypochondriasis

Hypochondriasis

आज अचानक से जोर जोर से रोने की आवाज कॉरिडोर से आने लगी। मेने अपने रिसेप्शन पर कॉल किया और पूछा क्या हुआ ? रिसेप्शनिस्ट ने कहा की एक महिला है जो रो रही है, मैंने उस महिला को मेरे रूम में बुलाया ।महिला का नाम गायत्री था ( बदला हुआ नाम ) उम्र ३६ साल, एक मध्यम वर्गीय परिवार से थी साथ में उसके पति भाई और उनकी माताजी आई थी। गायत्री काफी घबराई हुए, रूम में आते ही गायत्री गहरी स्वास लेने लगी, घबराई और डरी सी गायत्री के मन में मानो बहुत से सवालों का बवंडर चल रहा हो। गायत्री की माताजी ने उसको पानी पिलाया और उससे शांत करने की कोशिश की, उसके पति ने बताया की गायत्री काफी दिनों से इस तरह की तकलीफो से गुजर रही है।

गायत्री के पति ने बताया कुछ दिनों पहले उसकी एक सहेली को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, इस बात का गायत्री को जब पता चला तब वह अपनी सहेली से मिलने गई। वापस आने के कुछ दिनों बाद उसको भी ब्रेस्ट में दर्द सा महसूस हुआ, इसके कारण वो काफी घबरा गई, किसी तरह से खुद को संभाला, फिर गूगल सर्च करने लगी ब्रैस्ट में दर्द होने के कई कारणों में से एक कारण यह भी था की ब्रेस्ट कैंसर में होने वाला दर्द, बस वही से यह बात उसके मन में घर कर गई। पति को बुलाया दोनों हॉस्पिटल गए डॉक्टर ने चेक किया। डॉक्टर ने कहा की सब कुछ ठीक है, ऐसी कोई बात नहीं है पैर न जाने गायत्री का मन यह मान नहीं रहा था। उसने दूसरे डॉक्टर को दिखने की जिद की पति उसको ऑन्कोलॉजिस्ट क पास ले गया, डॉक्टर ने सब एक्सामिन कर के कहा कैंसर जैसी कोई बात नहीं है। इसी तरह से गायत्री ने पिछले महीने से लेकर अभी तक ३-४ डॉक्टर को दिखाया सारे ब्रैस्ट के टेस्ट भी करवाए सब कुछ ठीक होने के बावजूद गायत्री का यह कैंसर का भय मन से नहीं जा रहा था।

गायत्री दिन भर रोतीं रहती, बच्चो और पति की चिंता करती रहती, रात की नींद उड़ चुकी थी, खाना नहीं खा रही थी, कैंसर के नकारात्मक विचारो ने उसको परेशान कर रखा था। काफी डॉक्टरों से मिले कैंसर के टेस्ट करवाए सब कुछ ठीक होने पर भी गायत्री के मन से कैंसर का डर बढ़ता ही जा रहा था, एक डॉक्टर ने उनको कहा की आप इनको साइकेट्रिस्ट को दिखाए। और इस तरह से वह आज गिप्स हॉस्पिटल के साइकेट्रिस्ट को दिखने आई थी।

गायत्री की इस स्थिति को बीमारी का वहम भी कह सकते हैं। मेडिकल की भाषा में इस स्थिति को हाइपोकॉन्ड्रिया (Hypochondriasis) या तो हेल्थ एंग्जायटी भी कहते है आज के समय में खानपान में गड़बड़ी और लाइफस्टाइल से जुड़ी वजहों से लोग अक्सर बीमार पड़ जाते हैं। शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने से लेकर इन्फेक्शन, इम्यूनिटी कमजोर होने जैसे कारणों की वजह से आप बीमार पड़ सकते हैं। इसके अलावा आनुवांशिक कारणों से भी आपको बीमारी का खतरा रहता है। कई बार ऐसा होता है आपको सामान्य बीमारी जैसे पेट में दर्द, मरोड़ या शरीर के किसी हिस्से में परेशानी हुई हो और उसके बाद आपने इसके बारे में गूगल किया या इंटरनेट पर सर्च किया। अब इन लक्षणों के आधार पर आपको सर्च रिजल्ट में कुछ बीमारियां दिखेंगी और इसे देखते ही आप परेशान हो गए और यह सोचने लगे कि कहीं आपको वही बीमारी तो नहीं है। ऐसा अक्सर लोगों के साथ होता है, यह एक गंभीर चिकित्सकीय स्थिति होती है। इस गंभीर स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

हाइपोकॉन्ड्रिया के लक्षण- Hypochondria Symptoms

बीमारी का वहम या हाइपोकॉन्ड्रिया में मरीज की मानसिक स्थिति भी प्रभावित होती है। हाइपोकॉन्ड्रिया के मुख्य लक्षण इस तरह से हैं-

  • हल्के लक्षण दिखने पर गंभीर बीमारी का वहम होना
  • डॉक्टर से सलाह लेने के बाद भी चिंतित रहना
  • हर समय बीमारी के बारे में बात करना
  • नींद की कमी
  • इंटरनेट और गूगल पर घंटो बीमारी के बारे में पढ़ना

हाइपोकॉन्ड्रिया का इलाज और बचाव- Hypochondria Treatment

हाइपोकॉन्ड्रिया का इलाज मनोवैज्ञानिक डॉक्टर की देखरेख में किया जाता है। इस बीमारी मरीज को CBT की थेरेपी दी जा सकती है और गंभीर रूप से पीड़ित मरीज को कुछ दवाओं के सेवन की सलाह दी जा सकती है। इसके अलावा डॉक्टर इन स्थितियों से बचने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट का सेव करने की सलाह देते हैं। इस समस्या के लक्षण दिखते ही आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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