मनोचिकित्सा में दवाएँ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे अवसाद, चिंताविकार, द्विध्रुवी विकार, और स्किजोफ्रेनिया को नियंत्रित और सुधारने के लिए उपयोग की जाती हैं।
अवसाद (डिप्रेशन) के इलाज के लिए सामान्यत: एंटीडिप्रेसेंट्स, जैसे कि सैरेट्रालाइन (Sertraline), फ्लूक्सेटिन (Fluoxetine), और एस्किटालोप्राम (Escitalopram) उपयोग की जाती हैं।
चिंता विकार के इलाज में बेंजोडायजेपाइन (जैसे डियाज़े़पाम, लोराज़े़पाम) और सेरोटोनिन-नॉरएपिनेफ्रीन रीअप्टेक इनहिबिटर्स (SNRIs) जैसे कि डुलोक्सेटीन और वेनलाफैक्सिन उपयोग की जाती हैं।
द्विध्रुवी विकार के लिए मूड स्टेबलाइज़र, जैसे कि लिथियम, और एंटीसाइकोटिक्स, जैसे कि क्वेटियापिन (Quetiapine) और ओलान्ज़ापिन (Olanzapine) उपयोग की जाती हैं।
स्किजोफ्रेनिया के इलाज में एंटीसाइकोटिक्स, जैसे कि रिस्पीरिडोन (Risperidone), क्लोज़ापिन (Clozapine), और अरिपिप्राजोल (Aripiprazole) उपयोग की जाती हैं।
साइकोट्रोपिक दवाएँ वे दवाएँ होती हैं जो मानसिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करती हैं, जैसे कि मूड, सोचने की क्षमता, और व्यवहार।
एंटीडिप्रेसेंट्स मस्तिष्क में सेरोटोनिन और नॉरएपिनेफ्रीन के स्तर को संतुलित करके अवसाद के लक्षणों को कम करते हैं।
बेंजोडायजेपाइन दवाएँ मस्तिष्क में गाबा (GABA) रिसेप्टर्स को सक्रिय करके चिंता और तनाव को कम करती हैं।
एंटीसाइकोटिक दवाओं के सामान्य साइड इफेक्ट्स में वजन बढ़ना, नींद की समस्याएँ, और मांसपेशियों में कंपन या कठोरता शामिल हो सकते हैं।
अन्य दवाओं के साथ संयोजन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि कुछ दवाएँ एक-दूसरे के प्रभाव को बदल सकती हैं। डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का संयोजन करना चाहिए।
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