दवाओं का उपयोग व्यक्ति की स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है और यह डॉक्टर की सलाह पर आधारित होना चाहिए। कभी-कभी दीर्घकालिक उपचार की आवश्यकता होती है।
कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स में आत्महत्या के विचारों को बढ़ाने का जोखिम हो सकता है, खासकर युवा लोगों में। यह जोखिम पर नजर रखना आवश्यक होता है।
डोज की निर्धारण व्यक्ति की स्थिति, उम्र, शरीर का वजन, और दवा के प्रति प्रतिक्रिया के आधार पर की जाती है। यह डॉक्टर द्वारा नियमित रूप से मॉनिटर की जाती है।
कुछ दवाएँ, विशेषकर बेंजोडायजेपाइन, लत का कारण बन सकती हैं यदि उनका लंबे समय तक अत्यधिक उपयोग किया जाए। सावधानीपूर्वक उपयोग और डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।
साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवा की मात्रा बदलने, अन्य दवाओं का उपयोग करने, या जीवनशैली में परिवर्तन करने की आवश्यकता हो सकती है।
मनोचिकित्सकीय दवाएँ कुछ स्थितियों में एक बार की जाती हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में निरंतर चलती रहती हैं, जब तक कि स्थिति में सुधार न हो जाए या डॉक्टर द्वारा निर्देशित न हो।
हाँ, दवाओं के साथ मनोचिकित्सा भी प्रभावी हो सकती है क्योंकि यह व्यक्ति को अपने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को समझने और उनके समाधान पर काम करने में मदद करती है।
कुछ दवाओं के लिए विशेष आहार या जीवनशैली की जरूरत हो सकती है, जैसे कि वजन बढ़ाने की प्रवृत्ति वाले दवाओं के साथ स्वस्थ आहार लेना।
हाँ, दवाओं का अचानक बंद करना खतरनाक हो सकता है और इससे रिवर्स लक्षण या अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही दवा को बंद करना चाहिए।
दवाओं का प्रभाव व्यक्तियों के अनुसार भिन्न हो सकता है। कुछ दवाओं का प्रभाव तुरंत दिखाई दे सकता है, जबकि अन्य दवाओं को असर दिखाने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं।
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